रायपुर/बिलासपुर- धर्मांतरण और मानव तस्करी के शक दुर्ग जेल में बंद दोनों नन ने जुडी एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। ननों की जमानत अर्जी को हाई कोर्ट ने मंजूर कर दिया है। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत देने का फैसला किया है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में गिरफ्तार ननों के मामले में शुक्रवार को बिलासपुर NIA कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान पीड़ित पक्ष ने अपनी दलीलें दर्ज कराईं। NIA कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। NIA कोर्ट के जज सिराजुद्दीन कुरैशी आज ननों की जमानत पर फैसला सुनाया।
बता दें कि मानव तस्करी एक संगठित अपराध है, जिसमें धोखे, लालच, जबरदस्ती या बलपूर्वक लोगों को उनके घर या देश से दूर ले जाकर उनका शोषण किया जाता है। इसमें जबरन मजदूरी कराना, यौन शोषण/वेश्यावृत्ति, अंग व्यापार और शादी के लिए तस्करी होती है। इस केस में जमानत “नॉन-बेलेबल” होती है। खासकर बच्चों या महिलाओं से जुड़े मामलों में FIR होते ही गिरफ्तारी अनिवार्य होती है। वहीं सजा की बात करें तो कोर्ट 10 साल की सजा, आजीवन कारावास और जुर्माना लग सकता है।

Tikeshwar Sharma serves as the Editor of Jashpur Bulletin, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering local, regional, and national developments.

