भारतीय डाक विभाग ने बड़ा ऐलान किया है, जिसमें बताया गया है कि 1 सितंबर से रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को अब स्पीड पोस्ट के साथ ही मिला दिया जाएगा. यानी अब ग्राहकों को पार्सल भेजने के लिए सिर्फ स्पीड पोस्ट की ही सुविधा मिलेगी. डाक विभाग ने बताया है कि इस फैसले के बाद पोस्ट सर्विस तेज और आधुनिक बनेगी.
बता दें कि रजिस्टर्ड पोस्ट सर्विस की सुविधा साल1854 में शुरू की गई थी. इसके जरिए ग्राहक जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ कीमती सामानों को भेजा करते थे. हालांकि अब 1 सितंबर से रजिस्टर्ड पोस्टलेबल नहीं मिलेगा. रजिस्टर्ड पोस्ट सर्विस में प्रूफ ऑफ डिलीवरी और रिसीवर के सिग्नेचर की जरूरत होती थी, जो अब ये स्पीड पोस्ट में मिलेगी.
रजिस्टर्ड पोस्ट और स्पीड पोस्ट क्या हैं?
रजिस्टर्ड पोस्ट, जिसे सुरक्षित डाक भी कहा जाता है, केवल उसी व्यक्ति तक पहुंचती है जिसके लिए वो भेजी जाती है, यानी वही व्यक्ति इसकी डिलिवरी ले सकता है, जिसका इस पर नाम होता है. इससे सुरक्षा सुनिश्चित होती है. वहीं स्पीड पोस्ट नाम से ही साफ है कि ये अपनी स्पीड के लिए जानी जाती है, यानी कम समय में एक जगह से दूसरी जगह अपना पार्सल पहुंचाया जा सकता है. हालांकि इस पोस्ट में लिखे हुए पते पर कोई भी व्यक्ति डाक ले सकता है.
रजिस्टर्ड पोस्ट में लगातार आ रही थी गिरावट
आधिकारिक डाक डेटा 2011-12 के अनुसार हर साल रजिस्टर्ड पोस्ट की संख्या में गिरावट आ रही है. साल 2011-12 में रजिस्टर्ड डाक से भेजने वाले आर्टिकल 24 करोड़ से घटकर 2019-20 में 18 करोड़ के रह गए. 25 फीसदी की कमी साफ देखी जा सकती है. कोरोना के बाद से तो स्थिति और खराब हो गई है.
कितना आएगा खर्चा
- 50 ग्राम के पार्सल के लिए 200 किमी से ऊपर 35 रुपये,
- 200 ग्राम के पार्सल के लिए 200 से 1000 किमी के लिए 40 रुपये, 1000 से 2000 हजार किमी के लिए 60 रुपये और 2000 किमी से ऊपर के लिए 70 रुपये चार्ज लगेगा.
- 201-500 ग्राम के लिए 200 किमी तक 50 रुपये, 1000 किमी तक 60 रुपये, 2000 किमी तक 80 रुपये और 2000 किमी से ऊपर के लिए 90 रुपये का चार्ज लगेगा
- हर 500 ग्राम बढ़ाने पर 200 किमी तक 15 रुपये, 1000 किमी तक 30 रुपये, 2000 किमी तक 40 रुपये और 2000 किमी से ऊपर के लिए 50 रुपये डाक विभाग लेगा.

Tikeshwar Sharma serves as the Editor of Jashpur Bulletin, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering local, regional, and national developments.

