बलौदाबाजार। जिले के पलारी ब्लॉक के लच्छनपुर गांव के सरकारी स्कूल में मध्यान्ह भोजन के दौरान बच्चों को कुत्ते का जूठा खाना परोसने के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। मीडिया रिपोर्ट्स को जनहित याचिका मानते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा सचिव से चार बिंदुओं पर शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है।
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि छात्रों को दिया जाने वाला भोजन महज औपचारिकता नहीं, बल्कि गरिमा के साथ होना चाहिए। कोर्ट ने कुत्ते का जूठा भोजन परोसने को न केवल लापरवाही, बल्कि बच्चों की जान के साथ सीधा खिलवाड़ बताया। बेंच ने यह भी कहा कि एक बार रेबीज होने पर उसका इलाज संभव नहीं है।
मामला 29 जुलाई का है, जब स्कूल में परोसे जाने वाले मिड-डे मील को आवारा कुत्तों ने जूठा कर दिया था। छात्रों की शिकायत के बावजूद उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया और वही भोजन उन्हें खिला दिया गया। घटना के बाद अभिभावकों के विरोध पर स्कूल समिति की बैठक हुई और दबाव में आकर 84 में से 78 बच्चों को दो डोज एंटी रेबीज वैक्सीन दी गई।
हाईकोर्ट ने पूछा है कि इस घटना में शामिल शिक्षक और महिला समूह पर क्या कार्रवाई हुई है तथा भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे

Tikeshwar Sharma serves as the Editor of Jashpur Bulletin, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering local, regional, and national developments.

