उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की विनाशकारी घटना के बाद हालात बेहद गंभीर हो गए हैं. निचले हर्षिल क्षेत्र में स्थित एक शिविर से 9 भारतीय सेना के जवान अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. वहीं, 2 जवानों को बचाया गया है. इस त्रासदी के बावजूद, भारतीय सेना के अन्य जवान राहत और बचाव कार्यों में पूरी निष्ठा से जुटे हुए हैं. बादल फटने के बाद लोगों की मदद के लिए सेना के जवान करीब 10 मिनट के भीतर ही पहुंच गए थे.
हर्षिल क्षेत्र में मंगलवार दोपहर 1:45 बजे धराली गांव के पास बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई. यह गांव भारतीय सेना के शिविर से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. अचानक आई बाढ़ से सेना के एक शिविर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और नौ सैनिकों के लापता होने की सूचना है.
भारतीय सेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि संपर्क टूटने और यूनिट बेस पर असर पड़ने के बावजूद राहत कार्यों में लगे जवान अटूट संकल्प के साथ काम कर रहे हैं. सेना ने कहा, “विपरीत परिस्थितियों में जवानों का साहस भारतीय सेना की सच्ची भावना को दर्शाता है- दृढ़, निस्वार्थ और राष्ट्र सेवा के लिए सदैव तत्पर.”
घटना के मात्र 10 मिनट के भीतर सेना ने 150 कर्मियों को आपदा स्थल पर भेज दिया. बचाव दल ने तुरंत फंसे हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू किया और जमीन पर आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाई. हालांकि, दोपहर से शाम तक लगातार बारिश ने राहत कार्यों में बाधा उत्पन्न की.
सेना ने बताया कि प्रभावित नागरिकों को हर संभव सहायता देने के लिए अतिरिक्त टुकड़ियां भेजी जा रही हैं और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. स्थानीय लोगों के अनुसार, खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटने से विनाशकारी बाढ़ आई. गंगोत्री मार्ग पर स्थित धराली एक प्रमुख पड़ाव है, जहां कई होटल, रेस्टोरेंट और होमस्टे हैं. बादल फटना भारतीय हिमालय में सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है, जिसमें सीमित क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा होती है और भारी तबाही मचती है.
उत्तराखंड में आपदा राहत और बचाव कार्यों के लिए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों को पूरी तरह तैयार रखा गया है. चंडीगढ़, बरेली और सरसावा एयरबेस पर ये हेलीकॉप्टर स्टैंडबाय मोड में हैं, ताकि किसी भी खतरे या आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके. ये हेलीकॉप्टर उत्तराखंड के प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हो जाएंगे और राहत एवं बचाव अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेंगे.
वहीं, हर्षिल के पास स्थित धराली इलाके में मंगलवार सुबह बादल फट गया. इस घटना में एक गांव बह गया और कई निवासी कथित तौर पर लापता हो गए हैं. अचानक जल स्तर बढ़ने के बाद स्थानीय बाजार क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नुकसान की सूचना मिली है, जिसके बाद पुलिस, अग्निशमन विभाग, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), और भारतीय सेना ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने से हुए भारी नुकसान का समाचार अत्यंत दुखद एवं पीड़ादायक है. राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन तथा अन्य संबंधित टीमें युद्ध स्तर पर जुटी हुई हैं. इस संबंध में लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क में हूं और स्थिति की गहन निगरानी की जा रही है. ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं.

Tikeshwar Sharma serves as the Editor of Jashpur Bulletin, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering local, regional, and national developments.

