अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को एक बार फिर धमकी दी है. ट्रंप ने रूस से कहा है कि अगर उसने यूक्रेन में शांति बहाल करने में बाधा डाली तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. ये धमकी उस वक्त दी गई है जब शुक्रवार को दोनों नेता अलास्का में एक खास बैठक करने जा रहे हैं. हालांकि, ट्रंप की इस धमकी के कुछ देर बाद ही अमेरिका ने रूस पर लगे कुछ प्रतिबंधों को अस्थायी रूप से निलंबित भी कर दिया है. कहा जा रहा है कि अमेरिका ने ये प्रतिबंध इसलिए हटाए हैं ताकि ट्रंप अलास्का में होने वाली बैठक से एक ऐसा माहौल बनाने की तैयारी में ताकि दोनों नेता एक टेबल पर बैठक कर भविष्य से जुड़े कुछ अहम फैसले कर सकें.
बैठक के लिए हटाए प्रतिबंध
अमेरिकी वित्त मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि कुछ प्रतिबंध हटाने के बाद अब 20 अगस्त तक मीटिंग से संबंधित कुछ गतिविधियों में छूट मिलेगी. यह आदेश वित्त मंत्रालय के ऑफिस ऑफ फॉरेन ऐसेट्स कंट्रोल के निदेशक ने हस्ताक्षर कर जारी किया है. CNN की रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय ने अलास्का में होने वाली बैठक को लेकर ज्यादातर प्रतिबंधित रूसी अधिकारियों को पहले से ही अमेरिका में प्रवेश की इजाजत दे दी गई है.
आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति के बीच होने वाली ये बैठक बेहद अहम है क्योंकि यहां पिछले 3 साल से अधिक वक्त से जारी रूस-यूक्रेन जंग को रोकने यानी सीजफायर पर समझौते की कोशिश की जाएगी. लेकिन इन उम्मीदों के बीच सबसे बड़ी बात है कि इस बातचीत के मेज पर खुद यूक्रेन को जगह नहीं मिलेगी. दूसरी तरफ पुतिन जंग रोकने के लिए ऐसी मांग करते दिख रहे हैं जिसे आधिकारिक रूप से सामने आने से पहले ही यूक्रेन ने सिरे से नकार दिया है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन युद्धविराम समझौते के तहत डोनेट्स्क क्षेत्र के शेष 30% हिस्से से हट जाए, जिसपर अभी यूक्रेन का कंट्रोल है. इस प्रस्ताव को जेलेंस्की ने स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है.
व्हाइट हाउस ने बीते मंगलवार को कहा था कि ट्रंप और पुतिन के बीच शुक्रवार को होने जा रही बैठक “राष्ट्रपति ट्रंप के लिए सुनने का अभ्यास है”. यानी ट्रंप वहां बस सुनने जा रहे हैं, इससे रूस-यूक्रेन के बीच शीघ्र युद्धविराम समझौते की उम्मीदें कम हो गई हैं. व्हाइट हाउस से यहां एक तरह से इस बात पर भी मुहर लगा दी कि बैठक में यूक्रेन शामिल नहीं होगा. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा, “युद्ध में शामिल केवल एक ही पक्ष ही (बैठक में) मौजूद रहेगा, और इसलिए यह राष्ट्रपति पर निर्भर करता है कि वे जाएं और फिर से इस बारे में और अधिक दृढ़ और बेहतर समझ प्राप्त करें कि हम इस युद्ध को कैसे समाप्त कर सकते हैं.”

Tikeshwar Sharma serves as the Editor of Jashpur Bulletin, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering local, regional, and national developments.

