Independence Day 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि आज लालकिले के प्राचीर से मुझे ऑपरेशन सिंदूर के वीर जांबाजों को सैल्यूट करने का अवसर मिला है. हमारे वीर जांबाज सैनिकों ने दुश्मनों को उसकी कल्पना से परे सजा दी है. पीएम मोदी ने इस दौरान पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया और पूरी दुनिया को मैसेज दिया कि भारत अब ये सब नहीं सहेगा.
पहलगाम हमले का किया जिक्र
पीएम मोदी ने लाल किले से कहा, पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने आकर जिस प्रकार का कत्लेआम किया. धर्म पूछकर लोगों को मारा गया. पत्नी के सामने पति को गोलियां दीं. बच्चों के सामने पिता को मौत के घाट उतारा गया. पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था. पूरा विश्व भी इस संहार से चौंक गया था. ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है.
न्यूक्लियर धमकी को नहीं सहने वाले
पीएम मोदी ने कहा कि हमने न्यू नॉर्मल स्थापित किया है. आतंक को ताकत देने वालों को अब हम अलग अलग नहीं मानेंगे. वह मानवता के समान दुश्मन हैं. उनमें कोई फर्क नहीं है. अब भारत ने तय कर लिया है कि न्यूक्लियर की धमकियों को हम सहने वाले नहीं हैं. न्यूक्लियर ब्लैकमेल लंबे अरसे से चला आया, वह नहीं चलेगा. आगे भी अगर दुश्मनों ने यह कोशिश जारी रखी, तो हमारी सेना तय करेगी, सेना की शर्तों पर, सेना जो समय निर्धारित, उस पर हम अमल में लाकर रहने वाले हैं. हम मुंहतोड़ जवाब देंगे.
सेना को दी थी खुली छूट
पीएम मोदी ने साफ किया कि आतंकी हमले के बाद सेना को खुली छूट दे दी गई थी. उन्होंने कहा, 22 तारीख के बाद हमने हमारी सेना को खुली छूट दे दी थी. हमारी सेना ने वह करके दिखाया, जो कई दशकों तक कभी हुआ नहीं था. सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती पर घुसकर आतंकी हेडक्वार्टर्स को मिट्टी में मिला दिया गया. आतंकी इमारतों को खंडहर बना दिया. पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है. पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं.
खून और पानी नहीं बहेगा एक साथ
पीएम मोदी ने सिंधु समझौते का भी लाल किले से जिक्र किया. उन्होंने कहा, भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी, एक साथ नहीं बहेगा. अब देशवासियों को भली भांति पता चला है कि सिंधु का समझौता इतना एकतरफा और अन्यायपूर्ण है कि भारत से निकलती नदी का पानी दुश्मनों के खेत को सींच रहा है और मेरे देश के किसान और धरती प्यासी है. यह ऐसा समझौता था, जिसने पिछले सात दशक से मेरे देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया है. हम हिंदुस्तान के हम का जो पानी है, उस पर अधिकार सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान का है, हिंदुस्तान के किसानों का है. भारत के कतई सिंधु समझौते के स्वरूप को नहीं सहेगा. किसान हित और राष्ट्र हित में यह समझौता हमें मंजूर नहीं है.

Tikeshwar Sharma serves as the Editor of Jashpur Bulletin, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering local, regional, and national developments.

