सनातन धर्म में ऋषि पंचमी का व्रत सप्तऋषियों की पूजा के लिए हर साल किया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से महिलाएं ही करती हैं, मान्यता है कि इस व्रत को करने से निसंतान लोगों को संतान की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन सुखी हो जाता है। ऋषि पंचमी का पर्व हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है। हर साल यह पर्व गणेश चतुर्थी के अगले दिन ही पड़ता है। इस पर्व के दिन सप्त ऋषियों के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त किया जाता है। मान्यता है कि यह व्रत जाने जाने-अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति दिला देता है।
ऋषि पंचमी 2025 शुभ मुहूर्त
द्रिक पंचांग के मुताबिक, ऋषि पंचमी की पंचमी तिथि 27 अगस्त की दोपहर 03.44 बजे आरंभ होगी, जो 28 अगस्त की शाम 05.56 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के मुताबिक, ऋषि पंचमी 28 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। 28 अगस्त की सुबह 11.05 बजे से लेकर दोपहर 01.39 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त है।
ऋषि पंचमी पूजन विधि
सुबह जल्दी उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहनें। फिर मंदिर की सफाई करें और सभी देवी-देवताओं को गंगाजल से स्नान कराएं। फिर एक साफ चौकी लें और एक लाल कपड़ा बिछाकर सप्त ऋषियों की तस्वीर स्थापित करें। अब तस्वीर के पास एक कलश भी स्थापित करें। फिर पूजा शुरू करें। ऋषियों के माथे पर तिलक लगाएं और फिर धूप-अगरबत्ती करें। अब ऋषियों को फूल-फल अर्पित करें। इसके बाद मिठाई का भोग लगाएं और फिर व्रत कथा करके आरती करें।

Tikeshwar Sharma serves as the Editor of Jashpur Bulletin, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering local, regional, and national developments.

