रायपुर, 11 अगस्त 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर लागू शाला-शिक्षक युक्तियुक्तकरण नीति ने प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की नई इबारत लिखी है। इस नीति के तहत प्रदेशभर के शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों का संतुलित वितरण सुनिश्चित किया गया है, जिससे अब कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं है और बच्चों को समान व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिल रहा है।
गौरतलब है कि युक्तियुक्तकरण से पूर्व प्रदेश के कुल 453 विद्यालय शिक्षक विहीन थे। युक्तियुक्तकरण के पश्चात एक भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं है। इसी प्रकार युक्तियुक्तकरण के बाद प्रदेश के 4,728 एकल-शिक्षकीय विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। इस कदम से न केवल कक्षाओं का संचालन नियमित हुआ है, बल्कि बच्चों की उपस्थिति और पढ़ाई के प्रति उत्साह में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
इसका सकारात्मक असर सरगुजा जिले के मैनपाट विकासखंड स्थित प्राथमिक शाला बगडीहपारा में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जहां हाल ही में दो शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। नवपदस्थ शिक्षक श्री रंजीत खलखो ने बताया कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में उन्हें अपनी पसंद के विद्यालय चुनने का अवसर मिला और उन्होंने दूरस्थ बगडीहपारा को इसलिए चुना क्योंकि वे ग्रामीण अंचलों के बच्चों को शिक्षित करना अपना दायित्व और सौभाग्य मानते हैं। दो शिक्षकों की उपलब्धता से विद्यालय में सभी विषयों की पढ़ाई नियमित रूप से हो रही है, जिससे बच्चों की सीखने की गति तेज हुई है और अभिभावकों का भरोसा भी बढ़ा है। अब वे बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेज रहे हैं, जिससे उपस्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है।
इसी प्रकार मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले के मानपुर विकासखंड का ग्राम कमकासुर इसका ताजा उदाहरण है। जिला मुख्यालय से 65-70 किलोमीटर दूर स्थित इस नक्सल प्रभावित वनांचल में 14 बच्चों की दर्ज संख्या वाली प्राथमिक शाला पिछले एक वर्ष से शिक्षक विहीन थी। शासन की युक्तियुक्तकरण पहल से यहां प्रधान पाठक की पदस्थापना हुई, जिससे बच्चों की पढ़ाई फिर से शुरू हुई और ग्रामीणों में शिक्षा को लेकर नया उत्साह लौट आया।
इसी तरह सक्ती जिले के ग्राम भक्तूडेरा में भी युक्तियुक्तकरण से बड़ा बदलाव आया। वर्षों से एकल शिक्षक पर निर्भर यह प्राथमिक शाला अब दो शिक्षकों से संचालित हो रही है। इससे बच्चों की पढ़ाई व्यवस्थित हुई, उपस्थिति बढ़ी और अभिभावकों का भरोसा मजबूत हुआ।
राज्य शासन की यह पहल न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार कर रही है, बल्कि यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रदेश के सबसे सुदूर और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चे भी उज्ज्वल और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर अग्रसर हों।

Tikeshwar Sharma serves as the Editor of Jashpur Bulletin, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering local, regional, and national developments.

