मॉस्को: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को रूस-अमेरिका संबंधों को लेकर आशावाद जताया और कहा कि दोनों देशों के रिश्ते वर्षों में सबसे निचले स्तर पर होने के बावजूद अब ऐसे मुकाम पर हैं, जहां “सुरंग के अंत में रोशनी दिखाई दे रही है”। उन्होंने यह टिप्पणी आर्कटिक और अलास्का में संयुक्त परियोजनाओं पर सहयोग की संभावनाओं के बीच की।
ट्रंप पर क्या बोले पुतिन
रूसी राष्ट्रपति ने टेलीविज़न पर प्रसारित एक बैठक में कहा, “जहां तक संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारे संबंधों की बात है, वे बेहद निचले स्तर पर हैं। मैंने यह पहले भी कई बार कहा है, लेकिन अब जब राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रंप सत्ता में आए हैं, तो सुरंग के अंत में रोशनी नजर आ रही है।” पुतिन यह बयान सारोव शहर में न्यूक्लियर इंडस्ट्री वर्कर्स के साथ बैठक के दौरान दिया। सारोव वही ऐतिहासिक स्थान है, जहां सोवियत संघ ने अपना पहला परमाणु और हाइड्रोजन बम विकसित किया था।
रूस-अमेरिका के रिश्ते क्यों हैं तनावपूर्ण
रूस और अमेरिका के बीच रिश्ते हाल के वर्षों में यूक्रेन युद्ध, नाटो के पूर्व की ओर विस्तार और रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते खासे बिगड़ गए हैं। मगर अब पुतिन के अनुसार, रूस और अमेरिका आर्कटिक और अलास्का में साझा कार्य करने पर चर्चा कर रहे हैं। पुतिन ने कहा, “हम अपने अमेरिकी साझेदारों के साथ मिलकर इस क्षेत्र में काम करने की संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं, न केवल हमारे आर्कटिक क्षेत्र में, बल्कि अलास्का में भी।
ट्रंप के प्रति जताया समर्थन
पुतिन ने 15 अगस्त को हुई अलास्का समिट के बाद ट्रंप के उस दावे का समर्थन किया, जिसमें कहा गया था कि अगर ट्रंप राष्ट्रपति होते, तो यूक्रेन युद्ध शुरू ही नहीं होता। समिट से पहले पुतिन ने अपने सलाहकारों से कहा था कि ट्रंप यूक्रेन संकट को खत्म करने को लेकर गंभीर हैं और मॉस्को को उनकी सरकार के साथ काम करना चाहिए।
रूस की संप्रभुता और तकनीकी प्राथमिकताएं
पुतिन ने रूस की 80वीं परमाणु वर्षगांठ के मौके पर देश की संप्रभुता बनाए रखने पर ज़ोर दिया और कहा, “कुछ देश बिना संप्रभुता के भी जी सकते हैं। आज पूरा पश्चिमी यूरोप असल में संप्रभु नहीं है, लेकिन रूस के लिए यह स्वीकार्य नहीं है। अगर रूस ने अपनी संप्रभुता खो दी, तो वह अपने वर्तमान स्वरूप में अस्तित्व में नहीं रह पाएगा।” इस दौरान उन्होंने रूसी परमाणु वैज्ञानिकों की सराहना की, जिनकी वजह से रूस को एक मजबूत न्यूक्लियर शील्ड मिला और देश ने शांतिपूर्ण तकनीकी विकास किया।
AI को अगली चुनौती बताया
पुतिन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को रूस की अगली बड़ी चुनौती बताया और कहा कि रूस को इस क्षेत्र में अग्रणी बने रहना होगा। “परमाणु उद्योग हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है… और अब AI जैसी उन्नत तकनीकों में भी अग्रणी बने रहना हमारी प्राथमिकता है।”

Tikeshwar Sharma serves as the Editor of Jashpur Bulletin, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering local, regional, and national developments.

