यह रहा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 का पूरा विवरण — मुहूर्त, पूजा विधि, सामग्री, कथा, अभिषेक मंत्र और आरती — एक ही जगह:
📅 जन्माष्टमी 2025 का मुहूर्त
– तिथि: रविवार, 17 अगस्त 2025
– अष्टमी तिथि प्रारंभ: 17 अगस्त सुबह 08:02 बजे
– अष्टमी समाप्त: 18 अगस्त सुबह 08:39 बजे
– निशिता काल पूजन (रात्रि 12 बजे):
17 अगस्त रात 11:59 से 12:45 AM (18 अगस्त)
🛐 पूजा सामग्री (Samagri)
– श्रीकृष्ण मूर्ति या बाल गोपाल
– पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर)
– तुलसी दल
– पीले वस्त्र, मुकुट, बांसुरी, झूला
– फूल, अक्षत, रोली, चंदन
– दीपक, अगरबत्ती, घंटी, कलश
– माखन-मिश्री, मेवे
🌿 पूजा विधि (Puja Vidhi)
1. स्नान करके स्वच्छ पीले वस्त्र पहनें।
2. पूजा स्थल पर कलश स्थापना करें।
3. भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या बाल स्वरूप को पंचामृत से स्नान कराएं (अभिषेक)।
4. वस्त्र पहनाकर भगवान को श्रृंगारित करें।
5. झूला सजाएं और श्रीकृष्ण को झूले में विराजमान करें।
6. तुलसी पत्र, माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
7. दीप जलाएं, अगरबत्ती लगाएं और मंत्रों से पूजन करें।
8. कथा पढ़ें या सुनें, फिर आरती करें।
📜 कृष्ण जन्म कथा (संक्षेप में)
मथुरा के राजा कंस को आकाशवाणी से ज्ञात हुआ कि उसकी बहन देवकी का आठवां पुत्र उसका वध करेगा। उसने देवकी-वसुदेव को बंदी बना लिया और सात संतानों की हत्या कर दी।
[11:21 AM, 8/15/2025] Versha ACN: आठवें पुत्र श्रीकृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ। उसी रात वसुदेव उन्हें यमुना पार गोकुल में नंद-यशोदा को सौंप आए। श्रीकृष्ण ने बड़े होकर कंस का अंत किया और धर्म की रक्षा की।
🕉️ अभिषेक मंत्र (पंचामृत से स्नान के समय)
हर सामग्री अर्पण करते समय यह मंत्र पढ़ें:
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं गोविंदाय नमः”
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
🎶 श्रीकृष्ण जी की आरती
**आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर गोपाल की।
सज-धज बैठे नंदलाल, बजावें मुरली मधुर मनोहर की।।**
चमर डोलत शीश झूलत, बाँके बिहारी की।
गगन सरीखे नयन विशाल, छवि मोहन मुरारी की।।
आरती कुंज बिहारी की…

Tikeshwar Sharma serves as the Editor of Jashpur Bulletin, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering local, regional, and national developments.

