दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर बवाल मचा हुआ है। आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजे जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर मचे हंगामे के बीच यह मुद्दा आज 13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। एक वकील ने कोर्ट के आदेश को लेकर याचिका दाखिल की है, जिस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर काफी चर्चा हो रही है। इसमें एक पक्ष डॉग्स लवर्स का है, जो इस फैसले पर चिंता जाहिर कर रहे हैं। डॉग्स लवर्स का कहना है कि इस फैसले से समस्या का स्थायी समाधान नहीं होगा। वहीं दूसरा पक्ष समाज के उस धड़े का है, जो इस फैसले का स्वागत कर रहा है।
डॉग लवर्स को मिलेगी राहत?
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार एक वकील ने यह मुद्दा सीजेआई बीआर गवई के सामने रखा और सुप्रीम कोर्ट के ही एक पुराने आदेश का जिक्र किया, जिसमें कहा गया कि सभी जीवों के प्रति करुणा होनी चाहिए। उन्होंने कोर्ट के पुराने आदेश का जिक्र करते हुए कहा, ”यह सामुदायिक कुत्तों का मामला है। सुप्रीम कोर्ट का ही एक पुराना आदेश है, जिसमें कहा गया कि किसी भी परिस्थिति में कुत्तों की अंधाधुंध हत्या नहीं की जा सकती है। फैसला देने वाली बेंच में जस्टिस करोल भी शामिल थे। फैसले में कहा गया था कि सभी जीवों के प्रति करुणा होनी चाहिए।”
वकील की दलीलें सुनने के बाद सीजेआई ने जवाब दिया, “लेकिन बेंच अपना फैसला पहले ही सुना चुकी है। मैं इस पर विचार करूंगा।”
सुप्रीम कोर्ट का आदेश- 8 हफ्तों में सभी को भेजा जाए शेल्टर होम
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों और रेबीज से हो रही मौतों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को एक अहम आदेश जारी किया है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली-NCR से सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों में शेल्टर में रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को रिहायशी इलाकों से उठाकर शेल्टर होम में रखा जाए। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी है कि जो भी संगठन या व्यक्ति इस काम में बाधा डालेगा, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Tikeshwar Sharma serves as the Editor of Jashpur Bulletin, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering local, regional, and national developments.

