Vastu Tips For Puja Ghar- घर में पूजा घर का विशेष महत्व होता है। यह एक ऐसा स्थान होता है, जहां ऊर्जा का संचार सबसे शुद्ध और सकारात्मक माना जाता है। इसलिए इसे हमेशा साफ-सुथरा और नियमों के अनुसार रखना जरूरी है। वास्तु शास्त्र में पूजा घर से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि घर के मंदिर में कौन सी मूर्तियां या तस्वीर रखना शुभ या अशुभ होता है। आइए जानते हैं कि पूजा घर में किस प्रकार की मूर्तियों को रखने से बचना चाहिए और किन्हें रखना शुभ होता है।
पूजा घर से जुड़े वास्तु नियम
पूजा स्थल की पवित्रता बनाए रखना बहुत जरूरी है। यहां हर रोज साफ-सफाई करनी चाहिए और गंदगी या अव्यवस्था से बचना चाहिए। घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियों को रखने के कुछ विशेष नियम होते हैं। मूर्तियों की संख्या सीमित होनी चाहिए और उन्हें साफ-सुथरे स्थान पर रखा जाना चाहिए।
राधा-कृष्ण की मूर्ति
वास्तु के अनुसार पूजा घर में राधा-कृष्ण की मूर्ति साथ में रखना बहुत शुभ माना जाता है। यह प्रेम और सौहार्द का प्रतीक होता है।
विष्णु और शिवलिंग साथ में न रखें
भगवान विष्णु और शिवलिंग को एक ही स्थान पर नहीं रखना चाहिए क्योंकि दोनों की पूजा विधियां अलग होती हैं।
त्रिदेव की मूर्ति एक साथ न रखें
ब्रह्मा, विष्णु और महेश, इन तीनों की प्रतिमाएं एक साथ रखने से बचना चाहिए। यह वास्तु नियमों के अनुसार उचित नहीं माना जाता।
हनुमान जी की मूर्ति बेडरूम में न रखें
विवाहित जोड़ों को अपने शयनकक्ष में हनुमान जी की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि वे ब्रह्मचारी हैं और उनके स्थान के लिए अलग पूजा क्षेत्र होना चाहिए।
मृतकों की तस्वीरें न रखें
पूजा घर में दिवंगत परिजनों की तस्वीरें या मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। इससे पूजा स्थान की शुद्धता प्रभावित हो सकती है।
उग्र देवताओं की छवियां
मां काली, शनि देव, राहु और केतु जैसे उग्र स्वभाव वाले देवताओं की तस्वीरें या मूर्तियां घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए। इनकी पूजा विशेष विधियों से अलग स्थान पर की जाती है।
क्रोधित मुद्रा की मूर्तियां न रखें
पूजा घर में सिर्फ शांत, प्रसन्न और आशीर्वाद देती हुई मुद्रा में देवताओं की मूर्तियां रखें। संहार रूप या क्रोधित मुद्रा वाली मूर्तियां रखने से बचना चाहिए।
Tikeshwar Sharma serves as the Editor of Jashpur Bulletin, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering local, regional, and national developments.